नई
दिल्ली, 11 फरवरी। पाकिस्तानी सीमा पर कृषि कार्यों में जुटे किसानों के
अदम्य साहस एवं देशभक्ति को मैं सलाम करता हूं। इतनी चुनौतीपूर्ण
परिस्थितियों में पाकिस्तानी सीमा के समीप रहकर खेती-बाडी करना बेहद
जोखिमपूर्ण है। बार्डर क्षेत्र के लोगों को सैन्य गतिविधियों, पाकिस्तानी
सेना एवं घुसपैठियों की कारगुजारियों से अनेकों बार परेशानी एवं जान-माल का
नुक्सान झेलना पड़ा है। उक्त उद्गार नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स
के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय राठी ने जम्मू-कश्मीर जाट इन्टैलैक्च्यूल
फोरम द्वारा जम्मू के आर.एस.पुरा में आयोजित राष्ट्रीय बौद्धिक सम्मेलन में
विशिष्ट अतिथि के रूप में व्यक्त किये।
संजय राठी ने कहा कि अतीत में सीमावर्ती क्षेत्र के किसानों को कई बार अपना घर-बार और पशुधन आदि के साथ पलायन को मजबूर होना पड़ा है। जिसका उनके मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। इन्हें कई बार युद्धों के दौरान उजडऩा पड़ा। इसलिये सीमावर्ती किसानों को सरकार की ओर से विशेष सुविधायें दी जानी चाहियें क्योंकि सीमा पर निहत्थे प्रहरी और देशभक्त किसानों का कार्य सराहनीय और स्वागत योग्य है।
इस अवसर पर नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के उपाध्यक्ष एवं हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के अध्यक्ष संजय राठी को स्मृति चिह्न प्रदान कर उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में जाट शिरोमणि राय बहादुर सूबेदार लद्दूराम एवं स्वतंत्रता सेनानी सुबेदार कृपा राम को श्रद्धासुमन अर्पित किये गये। सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि के रूप में अन्तर्राष्ट्रीय जाट बॉयोग्राफिकल केन्द्र के अध्यक्ष प्रो. जगदीश गहलौत, विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद जनक राज गुप्ता, सेवानिवृत्त सैशन जज विजय कुमार अत्री, पूर्व आईपीएस भूपेन्द्र सिंह, ओपीजेएस विश्वविद्यालय राजस्थान के कुलपति प्रो. दलेल सिंह, प्रख्यात किसान नेता एवं समाजसेवी बलबीर सिंह मान, कर्नल बहादुर सिंह, आल इंडिया जाट महासभा के अध्यक्ष मनमोहन सिंह, इन्द्रजीत आर्य, जाट कल्याण सभा के अध्यक्ष कमल सिंह, समाजसेवी डॉ. अश्वीनी सहित अनेक लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर भारी संख्या में स्थानीय किसान व बुद्धिजीवी वर्ग मौजूद था।
संजय राठी ने कहा कि अतीत में सीमावर्ती क्षेत्र के किसानों को कई बार अपना घर-बार और पशुधन आदि के साथ पलायन को मजबूर होना पड़ा है। जिसका उनके मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। इन्हें कई बार युद्धों के दौरान उजडऩा पड़ा। इसलिये सीमावर्ती किसानों को सरकार की ओर से विशेष सुविधायें दी जानी चाहियें क्योंकि सीमा पर निहत्थे प्रहरी और देशभक्त किसानों का कार्य सराहनीय और स्वागत योग्य है।
इस अवसर पर नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के उपाध्यक्ष एवं हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के अध्यक्ष संजय राठी को स्मृति चिह्न प्रदान कर उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में जाट शिरोमणि राय बहादुर सूबेदार लद्दूराम एवं स्वतंत्रता सेनानी सुबेदार कृपा राम को श्रद्धासुमन अर्पित किये गये। सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि के रूप में अन्तर्राष्ट्रीय जाट बॉयोग्राफिकल केन्द्र के अध्यक्ष प्रो. जगदीश गहलौत, विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद जनक राज गुप्ता, सेवानिवृत्त सैशन जज विजय कुमार अत्री, पूर्व आईपीएस भूपेन्द्र सिंह, ओपीजेएस विश्वविद्यालय राजस्थान के कुलपति प्रो. दलेल सिंह, प्रख्यात किसान नेता एवं समाजसेवी बलबीर सिंह मान, कर्नल बहादुर सिंह, आल इंडिया जाट महासभा के अध्यक्ष मनमोहन सिंह, इन्द्रजीत आर्य, जाट कल्याण सभा के अध्यक्ष कमल सिंह, समाजसेवी डॉ. अश्वीनी सहित अनेक लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर भारी संख्या में स्थानीय किसान व बुद्धिजीवी वर्ग मौजूद था।
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